आसमान से कोई हूर आकर
तुझे प्यार करेगी इसका इंतजार न कर
इस जमीन पर नजर रख कर चल
यहाँ भी हूरें बहुत है
पहले अपने दिल से प्यार का इजहार कर
खुले आकाश में कोई ऐसी जगह का
ठिकाना का पता किसी को नहीं है
जहाँ कोई आदमी की हस्ती हो
जहाँ हूरों की बस्ती हो
प्यार पाने के लिए कहीं मिन्नतें मांगने की
कोई जरूरत नहीं
दिल में पैदा होगा तभी मिलेगा और कहीं
और कोई तो तभी करे
पहले तू अपने से इकरार कर
ढूंढ रहे हैं लोग प्यार की दौलत कौडियों के मोल
बोलते हैं झूठ के बोल
सच्चे प्यार की कमी है ज़माने में
पढ़ते हैं जो बहुत ज्ञान की किताबें
वही लगे हैं लोगों को प्यार के नाम पर भरमाने में
तू भीड़ से परे हटकर
अपने दिल में जहाँ कर देख
किस कोने में प्यार रहता है
कहाँ हमदर्दी का दरिया बहता है
फिर चल उस राह पर
जिसका पता तू जानता हो
जब तक देख न ले अपने आप को
तब तक प्यार का इन्तजार कर
खुशी हो या गम-हिंदी शायरी
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*अपनी धुन में चला जा रहा थाअपने ही सुर में गा रहा थाउसने कहा‘तुम बहुत अच्छा
गाते होशायद जिंदगी में बहुत दर्दसहते जाते होपर यह पुराने फिल्म...
16 years ago
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