Saturday, 1 March 2008

वह एक है, पर नाम अनेक-हिंदी शायरी

हमने पूछा दुनिया के मालिक का पता
उन्होने ढोल बजाने वालों का घर बता दिया
जो पहुंचे वहाँ सुना शोर
तो हमने मालिक को भुला दिया
वह है एक पर नाम अनेक
डर था की कहीं हम लें नाम उनका
कहीं और अधिक शोर न मच जाये
अगर कहीं हमने भीड़ से अलग नाम लिया
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1 comment:

Udan Tashtari said...

कहीं और अधिक शोर न मच जाये
अगर कहीं हमने भीड़ से अलग नाम लिया


--बहुत सही!!!