Saturday 15 March, 2008

बिना यकीन के दुनिया चल नहीं सकती-हिंदी शायरी

उनका चेहरा देखकर ही हमने
उन पर यकीन कर लिया
उनकी नीयत से मुहँ फेर लिया
जो फेरा उन्होंने मुहँ
अपने किये हुए वादे भूल गए
हम फिर भी करते रहे उम्मीद
पर कभी वादे भी पूरे किये जाते हैं
इरादे कितने भी हों
बिना मतलब के काम भला
इस जमाने में कभी किये जाते हैं
इस जमाने में विश्वास के साथ
कई जगह धोखा भी होगा
हमने यह सच देख लिया
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यकीन कर कई बार
जिन्दगी में हारे हैं
पर फिर भी नहीं टूटता
यकीन करने का सिलसिला
मजबूरी के मारे हैं
बिना यकीन के यह दुनिया
चल ही नहीं सकती
क्योंकि कई लोगों का चलता है
दूसरों को धोखा देने से काम
यही सोचकर हम हारे हैं
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