हमने पूछा दुनिया के मालिक का पता
उन्होने ढोल बजाने वालों का घर बता दिया
जो पहुंचे वहाँ सुना शोर
तो हमने मालिक को भुला दिया
वह है एक पर नाम अनेक
डर था की कहीं हम लें नाम उनका
कहीं और अधिक शोर न मच जाये
अगर कहीं हमने भीड़ से अलग नाम लिया
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खुशी हो या गम-हिंदी शायरी
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*अपनी धुन में चला जा रहा थाअपने ही सुर में गा रहा थाउसने कहा‘तुम बहुत अच्छा
गाते होशायद जिंदगी में बहुत दर्दसहते जाते होपर यह पुराने फिल्म...
16 years ago
1 comment:
कहीं और अधिक शोर न मच जाये
अगर कहीं हमने भीड़ से अलग नाम लिया
--बहुत सही!!!
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