Saturday, 8 March 2008

बंद किये हैं जिन्होंने सोच के दरवाजे-हिंदी शायरी

बंद किये हैं जिन्होंने अपनी सोच के दरवाजे
किसीका दर्द क्यों सुनेंगे, चाहे बजाओ बाजे
अपने दिल में बस अपना ख्याल ही उनको
कर जाते हैं दूसरों से हमेशा झूठे वादे
अपने मतलब के लिए चाहे जहाँ चले जाते
न हो कोई वास्ता तो, पुराने जख्म कर देते ताजे
ऐसे लोगों से क्या उम्मीद और भरोसा करना
जिन्होंने कर रखें बंद, अपने विश्वास के दरवाजे

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