तरक्की आख़िर किस चिडिया का हैं नाम
जिसके उड़ने की चर्चा आम हो गयी है
जमीन पर कभी आती क्यों नहीं
या ऊंची इमारतों में रहने की आदी हो गयी हैं
डरती होगी नीचे उतरने में
क्योंकि दिखाई देंगे
भूखे नंगे लोग रास्ते में
रोटी और प्यास से तड़पते हुए
बीमार अस्पताल के बाहर टपकते हुए
बेकार युवकों का झुंड
नौकरी के तलाश में भटकते हुए
आम आदमी के पाँव सड़क के
गड्ढों में अटकते हुए
शायद यह सब नहीं चाहती देखना
तरक्की नाम की चिडिया संवेदनशील हो गयी है
खुशी हो या गम-हिंदी शायरी
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*अपनी धुन में चला जा रहा थाअपने ही सुर में गा रहा थाउसने कहा‘तुम बहुत अच्छा
गाते होशायद जिंदगी में बहुत दर्दसहते जाते होपर यह पुराने फिल्म...
16 years ago
1 comment:
भाई पढ़कर मस्त हो गए बहुत खूब
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