आदमी देखना चाहता
हर चीज पर लिखा अपना नाम
जिंदगी भर करता इसके लिए काम
अपनी ख्वाहिशें पूरी करने के लिये
कई जगह टेकता अपना मत्था
ले जाता अपने घर के लोगो का जत्था
नख से शिख तक माया का मोह
मूंह में जपता राम
देखें हैं मस्तराम आवारा ने
इस दुनियां में कई लोग
जिम्मा है जो दुनिया बनाने वाले का
सब को अपनी जिंदगी बिताने के लिए
कुछ न कुछ देना सिक्कों के दाम
बंदा उसे समझ लेता अपना काम
एक-दो होता तो हम समझा लेते
यहां तो हर शख्स खुशफहमी में ले रहा
अपनी जिंदगी की सांस
सब मिल जाता है पर
फिर भी मन में रहती कुछ और पाने की फांस
ऐसे ही बिता देता जिंदगी
ऊपर वाले की माला जपता हर कोई
दिखावे के लिये देता अमन का पैगाम
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खुशी हो या गम-हिंदी शायरी
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*अपनी धुन में चला जा रहा थाअपने ही सुर में गा रहा थाउसने कहा‘तुम बहुत अच्छा
गाते होशायद जिंदगी में बहुत दर्दसहते जाते होपर यह पुराने फिल्म...
16 years ago
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